राजकुमार
हरिद्वार:- भैरव सेना संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने बुधवार को हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का पुतला दहन कर उनके ट्रांसफर की मांग उठाई। इस दौरान संगठन ने महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट हरिद्वार को सौंपा।
ज्ञापन में संगठन ने जनपद क्षेत्र में संचालित प्राइवेट नर्सिंग होम व अस्पतालों को “लूट तंत्र” बताते हुए उन पर सख्ती से नियंत्रण की मांग की। भैरव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहित चौहान ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल बिना नियमावली के खुलेआम संचालित हो रहे हैं और मुख्य चिकित्सा अधिकारी केवल निजी लाभ कमाने में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई अस्पताल “स्लॉटर हाउस” की भांति चल रहे हैं, जहां इलाज से अधिक मुनाफा कमाने पर जोर दिया जाता है।

संगठन ने यह भी कहा कि प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर मनमाने ढंग से मरीजों को महंगी व अनावश्यक दवाइयां लिखते हैं, वहीं सरकारी अस्पतालों की बदहाल स्थिति के कारण आमजन प्राइवेट अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं। कई सरकारी डॉक्टर भी प्राइवेट क्लिनिक पर समय देकर मरीजों को अपने निजी अस्पतालों की ओर रेफर कर रहे हैं।

संगठन ने मांग की कि प्राइवेट अस्पतालों में निम्न व्यवस्थाएं अनिवार्य की जाएं—
मरीजों के परिजनों के लिए बैठने व शौचालय की उचित व्यवस्था।
अस्पतालों में संचालित मेडिकल स्टोर पर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराना व डॉक्टरों द्वारा इन्हीं का प्रिस्क्रिप्शन।
सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट अस्पतालों में काम करने पर रोक।
मरीजों की जबरन भर्ती व अनावश्यक जांच पर अंकुश।
गरीब मरीजों के लिए 30% तक मुफ्त इलाज की व्यवस्था।
आपातकालीन स्थिति में केवल योग्य डॉक्टर ही मरीज का चेकअप करें।
फ्री पार्किंग अनिवार्य हो, अन्यथा अस्पतालों को सील किया जाए।
संगठन ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि सभी जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को प्रत्येक माह प्राइवेट अस्पतालों का निरीक्षण करने और वहां मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा व्यवस्था की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए जाएं।

इस मौके पर भैरव सेना संरक्षक जे.पी. बडोनी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष उदित भारद्वाज, प्रदेश अध्यक्ष आकाश मिश्रा, जिला अध्यक्ष ललित कुमार, मंडल अध्यक्ष सुमित मिश्रा समेत कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
