एडवोकेट शुभम भारद्वाज
🔸 जयपुर में अस्पताल आग से 8 मरीजों की मौत के बावजूद हरिद्वार प्रशासन बेखबर
🔸 बिना फायर सेफ्टी, बिना वेंटिलेशन और बिना इमरजेंसी एग्जिट चल रहा इलाज
🔸 स्थानीय लोगों ने की जांच व कार्रवाई की मांग, कहा—“यह अस्पताल नहीं, मौत का बेसमेंट है”
हरिद्वार। शहर के प्रमुख निजी अस्पतालों में शुमार देवभूमि हॉस्पिटल में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जानकारी के अनुसार, हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा बेसमेंट में अवैध रूप से ओपीडी (OPD) चलाई जा रही है, जो न केवल अस्पताल अधिनियम के नियमों का उल्लंघन है बल्कि मरीजों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
सूत्रों के अनुसार बेसमेंट क्षेत्र, जो आमतौर पर पार्किंग या स्टोर के लिए अनुमन्य होता है, उसे अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के लिए प्रयोग में ले रखा है। इस क्षेत्र में आग से बचाव के साधन, वेंटिलेशन और इमरजेंसी एग्जिट जैसी मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि यह स्थिति बेहद खतरनाक है क्योंकि बीते रोज ही जयपुर के एक अस्पताल में आग लगने से लगभग 8 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इसके बावजूद हरिद्वार प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पतालों को नेशनल बिल्डिंग कोड (NBC) और फायर सेफ्टी नियमों के तहत बेसमेंट में किसी प्रकार की चिकित्सीय गतिविधि संचालित करने की अनुमति नहीं होती। लेकिन देवभूमि हॉस्पिटल ने इन सभी मानकों की अनदेखी कर रखी है।

स्थानीय नागरिकों व समाजसेवियों ने जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से इस मामले की जांच कराई जाए और जिम्मेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी अनहोनी से बचा जा सके।
वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार (CMO) ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है,
