एडवोकेट शुभम भारद्वाज
🔸 हरिद्वार के नामी अस्पताल में गंभीर लापरवाही उजागर
🔸 नेशनल बिल्डिंग कोड (NBC) के नियमों का खुला उल्लंघन
🔸 बिना फायर सेफ्टी, बिना वेंटिलेशन और बिना इमरजेंसी एग्जिट चल रहा इलाज
🔸 जयपुर में अस्पताल हादसे से 8 मौतों के बाद भी हरिद्वार प्रशासन मौन
हरिद्वार। शहर के प्रमुख निजी अस्पतालों में शुमार देवभूमि हॉस्पिटल पर अब सवालों के बादल मंडरा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, अस्पताल प्रशासन द्वारा बेसमेंट में अवैध रूप से ओपीडी (OPD) संचालित की जा रही है। यह न केवल अस्पताल अधिनियम और स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि नेशनल बिल्डिंग कोड (NBC) की कई धाराओं के भी विरुद्ध है।

🔹 NBC (National Building Code) के प्रमुख नियम जिनका उल्लंघन हुआ:
NBC Part 4 – Fire and Life Safety (Section 4.6.2)
किसी भी भवन के बेसमेंट में केवल पार्किंग, इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल सेवाएं या स्टोरेज की अनुमति होती है।
मेडिकल या पब्लिक ऑक्यूपेंसी (जैसे OPD, वार्ड आदि) चलाना सख्त वर्जित है।
NBC Rule 4.12 – Means of Escape:
प्रत्येक तल (विशेष रूप से बेसमेंट) में कम से कम दो आपातकालीन निकास (Emergency Exit) होने चाहिए, जो सीधे खुले क्षेत्र में जाएं।
देवभूमि हॉस्पिटल के बेसमेंट में ऐसा कोई निकास मार्ग नहीं है।
NBC Part 4 – Ventilation & Fire Fighting:
बेसमेंट में सुनियोजित वेंटिलेशन और फायर सप्रेशन सिस्टम (Fire Alarm, Smoke Detector, Sprinklers) अनिवार्य हैं।
यहां न तो वेंटिलेशन की सुविधा है और न ही अग्निशमन यंत्र व्यवस्थित रूप से लगाए गए हैं।
NBC Rule 3.1.14 – Use of Basement:
बेसमेंट में किसी प्रकार की मानव गतिविधि, क्लिनिक, शोरूम या ऑफिस संचालन पर प्रतिबंध है।
इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध माना जाता है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस स्थिति से मरीजों की जान को गंभीर खतरा है। जयपुर में हाल ही में हुई आग की घटना में 8 मरीजों की मौत के बावजूद हरिद्वार प्रशासन की चुप्पी पर अब सवाल उठने लगे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते जांच नहीं करता, तो यहां भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
🔹 स्थानीय समाजसेवियों की मांग:
देवभूमि हॉस्पिटल की बेसमेंट ओपीडी को तत्काल बंद किया जाए।
NBC और Fire Safety नियमों के अंतर्गत जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
सभी निजी अस्पतालों की बिल्डिंग सेफ्टी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) हरिद्वार को इस प्रकरण की औपचारिक शिकायत सौंप दी गई है, और समाजसेवियों ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
स्थानीय नागरिक बोले — “यह हॉस्पिटल नहीं, मौत का बेसमेंट है। प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो हादसा तय है।”
