राजकुमार
हरिद्वार:- ब्लॉक बहादराबाद क्षेत्र में बायो डीज़ल की अनुमति लेकर खुलेआम पेट्रोल की बिक्री का मामला सामने आया है। यह मामला न केवल पेट्रोलियम नियमावली का उल्लंघन है, बल्कि सरकारी राजस्व की भारी हानि का कारण भी बन रहा है। संबंधित अधिकारी को बार बार अवगत कराने के बाद भी उक्त बायोडीजल पंप पर कोई कार्यवाही नहीं की गई
🔹 क्या है बायो डीज़ल और इसकी पैदावार
बायो डीज़ल एक पर्यावरण अनुकूल ईंधन है जो वनस्पति तेल (जैसे — जट्रोफा, सोयाबीन, सरसों, पाम तेल) अथवा पशु वसा से तैयार किया जाता है।
भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बायो डीज़ल को “वैकल्पिक ईंधन” के रूप में स्वीकृति दी है।
एक टन वनस्पति तेल से लगभग 950 से 970 लीटर बायो डीज़ल तैयार किया जा सकता है। इसकी उपलब्धता सीमित है, क्योंकि भारत में बायो डीज़ल उत्पादन का प्रमुख स्रोत जट्रोफा बीज है, जिसकी खेती बहुत कम क्षेत्र में होती है।
🔹 बायो डीज़ल की बिक्री हेतु आवश्यक शर्तें:
पेट्रोलियम मंत्रालय, भारत सरकार की अनुमति आवश्यक।
केवल बायो डीज़ल (B100 या B20) की बिक्री की अनुमति होती है, पेट्रोल की नहीं।
संचालक को स्टेट बायो फ्यूल बोर्ड अथवा राज्य ऊर्जा विभाग से पंजीकरण कराना होता है।
भंडारण व सुरक्षा के लिए पेट्रोलियम अधिनियम, 1934 और पेट्रोलियम नियम, 2002 का अनुपालन अनिवार्य है।
अर्थात, किसी भी परिस्थिति में बायो डीज़ल पंप को पेट्रोल बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
🔹 कैसे हो रही है बायोडीजल पम्प से पेट्रोल की अवैध सप्लाई
सूत्रों के अनुसार, हरिद्वार के बहादराबाद क्षेत्र में एक बायो डीज़ल पंप संचालक पास के पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदकर अपनी यूनिट पर अनधिकृत रूप से पेट्रोल बेच रहा है।
इससे न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है, बल्कि कर चोरी और राजस्व हानि भी हो रही है।
🔹 राजस्व हानि का अनुमान
भारत में पेट्रोल पर औसतन ₹65 से ₹70 प्रति लीटर कर एवं उत्पाद शुल्क वसूला जाता है।
यदि एक ऐसा अवैध पंप प्रतिदिन 1000 लीटर पेट्रोल बेचता है, तो सरकार को प्रतिदिन लगभग —
₹65,000 से ₹70,000 का नुकसान हो रहा है।
राज्यभर में ऐसे कई पंप सक्रिय होने पर यह हानि लाखों रुपये प्रतिदिन तक पहुंच सकती है।
🔹 विशेषज्ञों की राय
ईंधन विशेषज्ञों का कहना है कि बिना लाइसेंस पेट्रोल की बिक्री न केवल अवैध व्यापार है बल्कि ज्वलनशील पदार्थों की सुरक्षा नियमावली का भी उल्लंघन है। इससे किसी भी समय आगजनी या विस्फोट की घटनाएं घट सकती हैं।
📰 निष्कर्ष:
बायो डीज़ल जैसे पर्यावरण हितैषी ईंधन के नाम पर यदि अवैध पेट्रोल कारोबार चलता रहा, तो यह न केवल कानूनी अपराध होगा बल्कि सरकारी राजस्व और जन सुरक्षा दोनों के लिए खतरा साबित होगा।
