राजकुमार
हरिद्वार/बहादराबाद, 22 अक्टूबर 2025 —
बहादराबाद ब्लॉक क्षेत्र के एक निजी विद्यालय में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। विद्यालय को शिक्षा विभाग से केवल कक्षा 8वीं तक की मान्यता प्राप्त है, लेकिन प्रबंधन द्वारा कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को प्रवेश देकर पढ़ाई कराई जा रही है। यह कार्य राज्य की शिक्षा मान्यता नियमावली और शिक्षा अधिनियम 2006 का सीधा उल्लंघन है।
📍 अनुमति केवल आठवीं तक, फिर भी चल रहीं ऊँची कक्षाएँ
सूत्रों के अनुसार विद्यालय को जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) हरिद्वार द्वारा “प्राथमिक से उच्च प्राथमिक” स्तर (कक्षा 1 से 8 तक) की मान्यता दी गई थी। इसके बावजूद, स्कूल प्रबंधन ने बिना किसी बोर्ड संबद्धता (affiliation) या विभागीय अनुमति के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्तर की कक्षाएँ चालू कर रखी हैं।
छात्रों से नियमित रूप से फीस ली जा रही है और उन्हें बोर्ड परीक्षा में शामिल कराने का आश्वासन दिया जा रहा है।
⚖️ कौन-से नियम टूट रहे हैं
राज्य शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट उल्लेख है —
“कोई भी विद्यालय मान्यता प्राप्त सीमा से उच्च कक्षा नहीं चला सकता। बिना बोर्ड-अनुमोदन के संचालित कक्षाएँ अवैध मानी जाएँगी।”
Uttarakhand School Education Act, 2006 और राज्य RTE नियम 2011 के तहत बिना मान्यता उच्च कक्षाएँ चलाना अपराध की श्रेणी में आता है।
ऐसा पाए जाने पर विद्यालय पर मान्यता निरस्त करने, जुर्माना लगाने या संस्थान को बंद करने की कार्रवाई की जा सकती है।
👩👩👦 अभिभावक बोले — “बच्चों का भविष्य अधर में”
विद्यालय में पढ़ रहे कुछ विद्यार्थियों के अभिभावकों ने बताया कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि स्कूल को केवल आठवीं तक मान्यता है।
“अब हमें डर है कि हमारे बच्चों का भविष्य कहीं बर्बाद न हो जाए। अगर बोर्ड ने फॉर्म रिजेक्ट कर दिए तो साल बर्बाद हो जाएगा,”
🌿 विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि “राज्य में कई निजी संस्थान सीमित मान्यता लेकर ऊँची कक्षाएँ चला रहे हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के भविष्य पर सीधा असर पड़ता है। विभाग को ऐसे मामलों में सख्त नीति अपनानी चाहिए।”
🔚 निष्कर्ष
यह मामला केवल एक विद्यालय का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के शिक्षा मानकों के लिए चेतावनी है।
यदि विभाग समय रहते कार्रवाई नहीं करता, तो ऐसे दर्जनों स्कूल बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते रहेंगे।
जनहित में यह आवश्यक है कि जिला शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार इस पर तत्काल जांच आदेश जारी करें और दोषी प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
