एडवोकेट शुभम भारद्वाज
हरिद्वार। कनखल क्षेत्र की इंदिरा बस्ती में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर बनाए जा रहे होटल का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। यह भूमि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बताई जा रही है, जिस पर एक स्थानीय दबंग व्यक्ति ने कब्जा कर बेखौफ होकर होटल खड़ा कर दिया है।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
स्थानीय निवासियों ने इस मामले की लिखित शिकायत उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को दी थी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने होटल स्वामी को दो बार लिखित नोटिस जारी किए, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि होटल मालिक अब तक कोई वैध स्वामित्व प्रमाण पत्र या दस्तावेज विभाग को प्रस्तुत नहीं कर पाया। इसके बावजूद विभाग की कार्रवाई सिर्फ नोटिस भेजने तक ही सीमित रह गई।
दबंगई और सफेदपोशों का संरक्षण?
सूत्रों के अनुसार, होटल स्वामी दबंग प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जिसके पीछे कुछ प्रभावशाली सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन्हीं साठगांठ के कारण विभाग के अधिकारी भी अब तक प्रभावी कदम उठाने से बचते रहे हैं। यही वजह है कि बिना किसी वैध अनुमति या कागजात के सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है।
प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल
जनता का कहना है कि जब सिंचाई विभाग की जमीन पर इतना बड़ा निर्माण हो गया, तो यह सवाल उठता है कि आखिर विभागीय अधिकारियों की नजर से यह सब कैसे बचा रहा? क्या सरकारी भूमि को खुर्द-बुर्द करने में विभाग के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं? और क्या उत्तर प्रदेश सरकार तक जमीन कब्जों की जानकारी पहुंचाई जाती है या नहीं?
जनता में नाराजगी
लोगो का कहना है कि यदि समय रहते इस अवैध कब्जे पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में अन्य लोग भी इसी तरह सरकारी भूमि पर कब्जा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। जनता ने साफ मांग की है कि होटल को तत्काल ध्वस्त कर भूमि को कब्जा मुक्त कराया जाए।
अब निगाहें प्रशासन पर
फिलहाल, सिंचाई विभाग द्वारा दो नोटिस जारी किए जाने के बावजूद कोई ठोस कदम न उठाए जाने से लोगों में गहरा आक्रोश है। अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग पर हैं कि क्या वे दबंगई और साठगांठ के आगे कानून का शिकंजा कस पाएंगे या नहीं।
