राजकुमार
ज्वालापुर क्षेत्र में देसी शराब के ठेके को हटाने में प्रशासन, स्थानीय पार्षद व विभिन्न सामाजिक संगठनों की चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अंग्रेजी शराब का ठेका पहले ही हटा दिया गया था, लेकिन देसी शराब का ठेका अब भी यथावत है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भी कई बार संगठनों द्वारा धरना-प्रदर्शन किए गए, ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन ठेका हटाने की मांग अब तक पूरी नहीं हुई। शराब के दुकान मालिक प्रशासन पर इतनी हावी है कि प्रशासन भी उनके सामने घुटने टेक देता है स्थिति यह है कि ठेके के बाहर बने यात्री प्रतीक्षा स्थल पर लोग खुलेआम शराब पीते हैं, जिससे राहगीरों और यात्रियों को असुविधा होती है।
क्षेत्रवासियों का आरोप है कि जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन इस मुद्दे पर नत्मस्तक नजर आ रहे हैं। लोगों ने एक बार फिर ठेका हटाने की मांग दोहराई है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
ठेके का विरोध करने वाले हुए नतमस्तक
सूत्रों का कहना है कि पिछले लंबे समय से भिन्न-भिन्न संगठनों राजनीतिक पार्टियों द्वारा भी शराब के ठेके को हटाने का प्रयास जारी रहा जिस पर अंग्रेजी शराब के ठेके को पूर्व में ही हटाया जा चुका है, लेकिन देसी शराब के ठेके का विरोध करने वाले लोग ठेके में आते हैं उसके बाद वापस चले जाते हैं फिर दोबारा दूर-दूर तक नजर नहीं आते
