सहारनपुर :- कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के खिलाफ सीबीआई/ईडी कोर्ट ने शुक्रवार को चौथी बार गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। 25 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए है। उन पर सहारनपुर नगर पालिका परिषद में फंड से कथित रूप से लाखों रुपए की हेराफेरी का आरोप है। उनके सहयोगियों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई।
6 नवंबर 2007 को मसूद और जुल्फिकार के खिलाफ केस दर्ज हुआ था
मामला साल 2007 का है। जब इमरान मसूद सहारनपुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने करीबी सहयोगी जुल्फिकार अली के साथ मिलकर नगर पालिका परिषद के खाते से अनियमित रूप से लगभग 40 लाख रुपए निकाल लिए इस मामले में तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी यशवंत सिंह ने 6 नवंबर 2007 को मसूद और जुल्फिकार के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जांच के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
कोर्ट में पेश नहीं हुए मसूद, सहयोगी ने किया सरेंडर
शुक्रवार को हुई सुनवाई में इमरान मसूद फिर कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, जबकि उनके सहयोगी जुल्फिकार अली ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने जुल्फिकार को 50 हजार रुपए का पर्सनल बांड दाखिल करने का आदेश दिया है। वहीं, ईडी के विशेष लोक अभियोजक केपी सिंह ने कोर्ट से अपील की कि इमरान मसूद के खिलाफ कठोर आदेश पारित किए जाएं। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए चौथी बार गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
सिपाही पर भी उठे सवाल
कोर्ट ने उस सिपाही को भी तलब कर लिया जिसने इमरान मसूद के ऑफिस में कोर्ट का आदेश तामील कर आने की रिपोर्ट दी थी। कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा कि “आपने इमरान मसूद को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?” इससे साफ है कि अब कोर्ट लापरवाह पुलिस कार्यशैली पर भी शिकंजा कसने के मूड में है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई 2025 को तय की गई है।
